Month: October 2017
No wonder that, for thousands of years, sages and saints have retreated to the mountain tops for silence, liberation and enlightenment. The high-altitude energy enables one to easily connect with God and to experience other realms effortlessly. I strongly suggest if you haven’t done so yet, that you take time out to be with yourself on such a mountain setting. You owe it to yourself.
Read Moreकुछ समय किसी दूसरे के हालात में स्वयं को रखकर देखें – Walk a Mile in Someone Else’s Shoes (in Hindi)
कुछ समय किसी दूसरे के हालात में स्वयं को रखकर देखें स्वयं किसी दूसरे के हालात का अनुभव किये बिना यह जानना, महसूस करना और समझ पाना वास्तव में बहुत कठिन है कि वह किस परिस्थिति से गुज़र रहा है । अगर हमने ऐसा किया भी तो अनुभव वैसा नहीं होगा । लेकिन अगर हम […]
Read Moreऔर अधिक सम्भाल करें जब किसी भी चीज़ को सम्भाल और सावधानी का मनोभाव दिया जाता है, तो सम्भवतया चीज़ें और अच्छे ढ़ंग से सम्पूर्ण होंगी । जब हम असावधान होते हैं, तो अव्यवस्था और उलझन पैदा हो जाती है और आमतौर पर चीज़ें खराब हो जाती हैं । जितनी ऊर्जा हम किसी भी […]
Read Moreखुशी को चुनना स्व-स्शक्तिकरण की ओर मेडिटेशन पहला कदम है । वे आहा! लम्हें इस बात का अहसास करा सकते हैं कि हमारे जीवन में कुछ बदलने की आवश्यकता है । और तभी हम आंतरिक स्वतंत्रता और खुशी की ओर अपनी यात्रा आरम्भ कर सकते हैं । Listen in Hindi… जब हम किसी यात्रा […]
Read Moreप्राथमिकता बनें विकल्प नहीं सोशल नेटवर्किंग के इस दौर में यह सम्भव है कि आपके पास हज़ारों मित्र हों लेकिन कोई भी वास्तविक मित्रता नहीं । बहुत हैं जो आधी रात को पार्टी में शामिल होने आ जाऐंगे लेकिन उनमें से कितनों पर आप आवश्यकता के समय में मदद पाने के लिए निर्भर रह सकते […]
Read Moreजड़ से समाप्त करना हम सभी स्वतंत्रता चाहते हैं, लेकिन किससे? विकारों के शिकंजे से । चाहे हम अहसास करें या न करें इन विकारों को हम कभी कभी अपने मित्र के रूप में देखते हैं, लेकिन वास्तव में ये हमारे दुश्मन हैं जो हमें दास बना देते हैं । राजयोग में हम समझते हैं […]
Read Moreआवश्यकता बनाम चाहना हमारे जीवन में बहुत से ऐसे पल आते हैं जब हमें कुछ ऐसा करना पड़ता है जिसे हम करना नहीं चाहते, जैसे किसी बूढ़े या बीमार की सम्भाल करना या घर का कुछ काम करना । कोई कार्य हमें करना पड़ रहा है या हम उस कार्य को करना चाहते हैं, इन […]
Read Moreयह यात्रा बहुत छोटी है एक युवा महिला बस में बैठी । अगले स्टैंड पर एक भारी और तुनकमिज़ाज बुढ़ी औरत आई और इसके साथ बैठ गई । वह सीट पर फँस कर बैठी और अपने अनगिनत थैलों के साथ उस के साथ टकराई । युवा महिला के दूसरी तरफ बैठा व्यक्ति बहुत परेशान हो […]
Read Moreयह केवल प्रक्षेपण है क्या आपने कभी अनुभव किया है कि कुछ लोग कुछ विषयों पर बहुत बोझिल और गंभीर होते हैं । मुझे पक्का विश्वास है कि हर कोई एक ऐसे व्यक्ति को जानता है । और अक्सर यह उनका स्वयं का कोई मुद्दा या संघर्ष होता है जो वे उनके आसपास के लोगों […]
Read Moreभगवान निष्क्रय नहीं है अक्सर आवश्यकता के समय हम भगवान को याद करते हैं, यह सोचकर, विश्वास कर कि वह हमारे लिए खाली बैठा है और हमारे बुलावे की प्रतिक्षा कर रहा है… जैसे कि उसके पास करने को कुछ है नहीं । पर मुझे नहीं लगता कि ऐसा है । हाँ, किसी ने एक […]
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