अपना ख्याल रखिए (Take Care – in Hindi)

अपना ख्याल रखिए

take care

जब हम अपना ख्याल रखते हैं तो हमें केवल बाहरी बातों जैसे स्वास्थ्यवर्धक भोजन खाना या प्रत्येक सप्ताह मालिश करवाना पर ध्यान नहीं देना चाहिए । जैसे व्यायामशाला, स्पा, विश्राम के लिए दूर दराज बने विशेष केन्द्र शरीर के लिए बेहतर हैं: हमें आध्यात्मिक ख्याल रखने की भी आवश्यकता है; जैसे आत्मा की, अपने अदृश्य रूप की संभाल करना ।

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उन सभी वस्तुओं की कल्पना करें जिसका ख्याल आप दिन भर करते हैं, अपनी कार से लेकर आपके पौधे, आपके पालतू जानवर और आपके परिवार के सदस्य तक । क्या आप एक हथौड़ा लेकर उनपर प्रहार करते हैं? या मखमली दस्तानों से उनके साथ पेश आते हैं, अर्थात एक कोमल, नाज़ुक ऊर्जा के साथ । ख्याल रखने का अर्थ हैं संवेदनशील और कोमल होना, जिस वस्तु का ख्याल हम कर रहे हैं उस से समरस होना । प्रेम से पोषण और पालना करना ।

सबसे पहली बात जिसका हमें ख्याल करना है वह है हमारा मन । क्योंकि हम में से बहुतों ने अनुभव से इस बात को देखा है कि हमारी अधिकतर समस्याओं की जड़ इस बात में है कि हम कैसे सोचते हैं । अगर हमने हमारे मन को ठीक नहीं किया और हमारे विचारों का ख्याल नहीं किया तो वह हमारे जीवन में अव्यवस्था और उलझन, आलस और गफलत के रूप में प्रतिबिम्बित होगा ।

chakra hands

क्या हमारा मन शांत और अनुशासित है? सारे दिन में हम कितने उपयोगी विचार उत्पन्न करते हैं और कितने केवल व्यर्थ हैं? कल्पना करें कि प्रत्येक विचार एक हज़ार डॉलर का है और हर बार जब भी आप विचार उत्पन्न करते हैं तो आप उक हज़ार डॉलर खर्च कर रहे हैं… तीव्र गति से उनके उत्पादन से पूर्व क्या आप दोबारा नहीं सोचेंगे?

मन के दूरूपयोग से उत्पन्न बहुत से कारणों से हमें शारीरिक संभाल जैसे चिकित्सक, वैद्य और मनोचिकित्सक की आवश्यकता पड़ती है । कहीं न कहीं अपने जीवन में हमने सही निर्णय नही लिए हैं परिणामस्वरूप हमें मानसिक दुख हुआ और फलत: शारीरिक दर्द आरम्भ हो गया ।

हमें अपने शब्दों का भी ख्याल रखने की आवश्यकता है । जैसे हमारे विचार होंगे वैसे हमारे शब्द होंगे । अगर हमारे विचारों का बहुत विशाल प्रवाह है तो निश्चित रूप से शब्दों की सुनामी भी होगी! और एक बार कुछ बोल दिया तो बस वह ‘पत्थर की लकीर’ हो गया । अब उसे बदला नहीं जा सकता! तो ख्याल रखें कि आप क्या कह रहे हैं, क्योंकि इसका परिणाम आपको भुगतना पड़ेगा ।

अपने धन की भी सम्भाल करें । इसे ऐसे व्यर्थ नहीं करें जैसे कि आपका बैंक-खाता कोई बेबुनियाद गड्डा है । इसका प्रयोग समझदारी से करें और ये आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा – आपके अधिक लाभ देगा । धन ऊर्जा है । कुछ कर पाने का यह साधन है । इसके जाल में न फँसे लेकिन इसका आदर करके अल्पव्ययी बन कर इसकी सम्भाल भी करें ।

अपने समय का भी ख्याल रखें । अगर आप अपने समय का आदर नहीं करते और इसकी कदर नहीं करते तो दूसरों स भी अपेक्षा नहीं करें । समय बीत रहा है और प्रत्येक लम्हा कीमती है । प्रत्ये‍क पल का भरपूर प्रयोग करें । हरेक पल खुशी से जीने के लिए बना है ना कि दुख या उलझन में । आध्यात्मिक देखरेख का अर्थ है हर पल रूहानी अनुभव में जीया जाऐ ।

Care and natural remedies in the healing process. Digital illustration.

अपने श्वासों की भी सम्भाल करें । आपकी सेहत महत्वपूर्ण है । जो बातें ना ही उपयोगी हैं और ना ही आवश्यक हैं उन पर हम कितनी ऊर्जा व्यर्थ कर देते हैं? सबसे कम प्रतिरोध के मार्ग पर चलें और ऐसी बातों में नहीं उलझें जो आपको तनाव दें या आपका रक्तचाप बढ़ा दें! या तो उन्हें खुशी में परिवर्तित कर दें या जब तक हो सके उन्हें टालतें रहें ।

अपने भाग्य की भी सम्भाल करें । आध्यात्मिक मार्ग पर हमने सीखा है कि यह समय अपने भविष्य का ख्याल करने का भी है । जो कुछ भी हम करते हैं वह केवल हमारे वर्तमान को प्रभावित नहीं करता या इस जीवन को भी बल्कि उसके बाद हमेशा के लिए । क्या हम अच्छे और श्रेष्ठ कर्मों के बीज बो के अपने भविष्य का ख्याल कर रहे हैं? हम जिस भी स्थान पर हैं उसके लिए किसी और को जिम्मेवार नहीं ठहरा सकते । हम ही हैं जो अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं ।

अपने आध्यात्मिक जीवन से कुछ और ज्ञान की बातें जोड़ना चाहूँगी, मैंने यह सीखा है कि स्वार्थ से नहीं बल्कि स्वार्थरहित तरीके से अपना ख्याल रखने का क्या अर्थ होता है । मैं समझती हूँ कि सच्चे मायने में स्वस्थ होने का अर्थ है इस बात की स्मृति होना कि हम सब एक हैं और मानव जाति के रूप में संयुक्त हैं ।

आख़िरकार स्व की आध्यात्मिक संभाल करने का अर्थ है अपनी सम्पूर्ण ज़िम्मेवारी उठाना, केवल शारीरीक अंगों की नहीं । जब मेरा मन शांत हो जाता है, मेरे शब्द मीठे बन जाते हैं, मैं प्रचूर बन जाती हूँ, मेरे भविष्य के प्रति विश्वास से जीती हूँ, मैं बेफिक्र बन जाती हूँ! अर्थात, मुझे किसी बात की चिंता करने या डरने की आवश्यकता नहीं है । आंतरिक शांति का यह सर्वश्रेष्ठ अनुभव है ।

अब समय है… अपना आध्यात्मिक ख्याल रखने का!

 

© ‘It’s Time…’ by Aruna Ladva, BK Publications London, UK

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